तपोभूमि देव बड़ला में दो दिवसीय मंदिर स्थापत्य एवं संरक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ

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ओजस्व समाचार MP LIVE अभिषेक शर्मा 9755552992 जावर/आष्टा। मां नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातात्विक धरोहर देवांचल धाम देवबड़ला बिलपान में

आयुक्त पुरातत्व उर्मिला शुक्ला के मार्गदर्शन में संचाल

नालय पुरातत्व,अभिलेखागार एवं संग्रहालय म. प्र.के अंतर्गत डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान भोपाल एवं प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययनशाला सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय मंदिर स्थापत्य एवं संरक्षण कार्यशाला का आयोजन डॉ.मनीषा शर्मा निदेशक डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्था के निर्देशन में किया गया जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में डॉ शिवाकांत बाजपेई अधीक्षण पुराविद्,भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जबलपुर एवं डॉ रमेश यादव पुरातत्व अधिकारी से. नि.,संचालनालय पुरातत्व,अभिलेखागार एवं संग्रहालय म. प्र. उपस्थित थे।कार्यशाला के द्वितीय दिवस देव बड़ला मंदिर समूह जिला सीहोर मे छात्र छात्राओं तथा शोधार्थी को भ्रमण कराया गया जिसमे प्रायोगिक परीक्षण,मंदिर स्थापत्य, वास्तुखंड, मंदिरों की विभिन्न शैलियां,प्रतिमा शास्त्र से संबंधित जानकारी डॉ .ध्रुवेंद्र सिंह जोधा शोध अधिकारी द्वारा प्रदान की गई भ्रमण में विक्रम विश्वविद्याल के डॉ हेमंत लोदवाल एवं डॉ .रितेश लोद भी उपस्थित रहे।

देव बड़ला स्मारक इंचार्ज कुंवर विजेंद्र सिंह भाटी ने बताया देव बड़ला क्षेत्र की सबसे बड़ी व प्राचीन धरोहर है इस धरोहर को अपने मूल स्वरूप में लौट के लिए पुरातत्व विभाग निरंतर कार्य कर रहा है जल्द ही पुरातत्व विभाग की टीम यहां पर पुनः कार्य शुरू करेगी

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