केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5328 रुपए फिर सोयाबीन मंडी में₹3000 क्विंटल क्यों बिक रहा है सरकार की जवाबदारी है 5328 प्रति क्विंटल सोयाबीन का भाव किसान को मिले पर किस को मिल रहा है ₹3000 यह सरकार का किसान की कमाई पर डाका है – हरपाल ठाकुर
ओजस्व समाचार MP LIVE अभिषेक शर्मा 9755552992
अष्टा।किसान की सोयाबीन की फसल का भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल मिलने पर अखिल भारतीय कांग्रेस सदस्य हरपाल ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय 2013-14 में किसान के सोयाबीन का समर्थन मूल्य 2560 रुपए प्रति क्विंटल था तब किसान को सोयाबीन कृषि मंडी में 4000 से लेकर₹5000 प्रति क्विंटल भाव मिलता था तो आज केंद्र की मोदी सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5328 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है तो फिर आज 3000 रुपए प्रति क्विंटल क्यों खरीदा जा रहा है हरपाल ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से पूछते हुए कहा है कि जिस कांग्रेस पार्टी को आप चोर कहते थे उसके समय सोयाबीन का समर्थन मूल्य 2013-14 में 2560 रुपए प्रति क्विंटल होने पर किसान को सोयाबीन का भाव मंडी में 4 हजार से 5 हजार रुपए मिलता था आज 10 वर्ष बाद जब आपकी सरकार ने उनका समर्थन मूल्य 5328 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है तो फिर किसान को सोयाबीन का भाव मंडी में 3000 रुपए प्रति क्विंटल क्यों मिल रहा है इसका जिम्मेदार कौन है हरपाल ठाकुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सहित भाजपा नेताओं से सवाल पूछा कि किसानों को 5328 रुपए प्रति क्विंटल भाव मिलना चाहिए बीच में कौन लोग है जो किसान की गाड़ी कमाई की चोरी कर रहे हैं और आज सिर्फ किसान₹3000 प्रति कुंतल मिल रहा है हरपाल ठाकुर ने कहा कि 2014 के बाद किसान की फसल की लागत 3 गुना बढ़ गई खाद तीन गुणा महंगा बीज एवं कीटनाशक 3 गुना महंगा होने से लागत में से अनुपात में बड़ी है परंतु केंद्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश भाजपा की नीतियों के कारण आज किसान को सोयाबीन की फसल का भाव 2014 से भी कम मात्रा ₹3000 प्रति कुंतल मिल रहा है परंतु सरकार सिर्फ समर्थन मूल्य बड़ाकर अपने कर्तव्य का इतिश्री कर रही है जबकि सरकार के जवाबदारी होती है जैसे कांग्रेस के समय सरकार ने कभी सोयाबीन समर्थन मूल्य से नीचे मंडी में नहीं बिकने दिया तो आज समर्थन मूल्य ₹5328 होने के बाद किसकी सह पर या किसी को लाभ पहुंचाने के लिए सोयाबीन का मूल्य₹3000 मंडी में मिल रहा है हरपाल ठाकुर ने किसानों से कहा की आप मजबूती से भाजपा नेताओं से सवाल पूछो कि जब कांग्रेस से सरकार 2013-14 में थी तबसोयाबीन का समर्थन मूल्य 2560 रुपए प्रति क्विंटल था तब सोयाबीन मंडी में 4 से ₹5000 क्विंटल बिकता था तो आज आपकी भाजपा सरकार के समय सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5328 रुपए है फिर भी किसान को अपनी फसल का सोयाबीन का भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल क्यों मिल रहा है क्या किस की फसल का भाव की चोरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं या मुख्यमंत्री मोहन यादव कर रहे हैं या सीहोर जिले के विधायक सुदेश राय गोपाल सिंह इंजीनियर रमाकांत भार्गव मंत्री करण सिंह वर्मा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किसानों के सोयाबीन के भाव की चोरी की जा रही है इस बात को मजबूती से पूछना चाहिए और जरूरत पड़े तो उनके सामने धरना लगाकर पूछना चाहिए कि आखिर क्यों जब हमारी सोयाबीन की फसल का समर्थन मूल्य आपकी सरकार ने 5328 रुपए तय किया तो फिर हमारे साथ ल क्यों इसका जिम्मेदार कौन और यदि आप लोग जिम्मेदार नहीं हरपाल ठाकुर ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री एवं विधायकों से कहा कि यदि समर्थन मूल्य से कम भाव मंडी में मिलने के लिए आप लोग जिम्मेदार नहीं हो तो या तो समर्थन मूल्य₹5328 पर सरकारी खरीद करवाइए या फिर यह सुनिश्चित कीजिए की मंडी के अंदर किस का सोयाबीन समर्थन मूल्य 5328 से कम पर नहीं बिक पाए और आप लोग यदि नहीं करते हैं तो यह बात एकदम स्पष्ट हो जाएगी कि किसानों की फसल के भाव की लूट भाजपा की सरकार अपने मित्रों के साथ मिलकर कर रही है और किसान इस बार आपको माफ नहीं करेगा हरपाल ठाकुर ने कहा कि पिछले वर्ष की खराब हुई फसल का ना तो सरकार ने मुआवजा दिया और ना ही वास्तविक बीमा दिया इस बार भी फसल खराब हुई है सर्वे के नाम की नौटंकी कर रहे हैं पर किसानों को मुआवजा और बीमा देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है सरकार को किसानों का हक देना चाहिए
