बरेली में लाशों का सौदागर… मौत बेच रहा था कानून का रखवाला, इधर मिलता शव, उधर तय हो जाता ‘लाखों’ का खेल

आजकल आपको जो न सुनने को मिले कम है. चोरी, डकैती, लूटपाट और भ्रष्टाचार जैसे अपराध आए दिन सुनने को मिल जाते हैं. मगर, अब लावारिस शवों का खेल सामने आया है. जी हां, सोचिए जिन लोगों की मौत पर न तो कोई रोने वाला था और न ही उनकी चिता को आग देने वाला… उनके शव का आज सौदा हो रहा है. लावारिस शवों से 40 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक कमाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला…
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो कर्मचारी बहुत जल्दी अमीर बनना चाहते थे. अपनी सैलरी न के बराबर महसूस होती थी. इसलिए लावारिस शवों का सौदा करना ही चालू कर दिया. इनमें से एक उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही था और दूसरा जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में तैनात कर्मचारी. दोनों ने मिलकर एक प्लान बनाया और उसे अंजाम देने लगे. जो भी लावारिस शव आते उन्हें बेचकर मोटी कमाई करने लगे.
मामला उत्तर प्रदेश के बरेली का है. इससे जुड़ा एक ऑडियो और वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि पोस्टमार्टम हाउस से लावारिस लाशों को मेडिकल कॉलेजों और अन्य जगहों पर बेचने की डील कैसे होती थी. सौदेबाजी में पोस्टमार्टम हाउस में ठेका एजेंसी का कर्मचारी सुनील बात करता दिखा, वहीं सिपाही नरेंद्र प्रताप न सिर्फ सहयोग करता, बल्कि इंस्पेक्टर तक को साधने की बात करता नजर आया.
